http://( मोहरसिंह ) नोहर,जिला हनुमानगढ़ राजस्थान। नगरपालिका नोहर के वार्ड नंबर 6 में बसी कॉलोनी वासियों ने मुख्यमंत्री को परिवाद भेजकर डबल इंजिन की राजस्थान सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की हैं। मय दस्तावेज मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कॉलोनी वासियों ने लिखा है कि कस्बा नोहर के चक राजासर के खाता संख्या 99 खसरा नंबर 67/1 की 1.8340 हैक्टेयर व खसरा नंबर 66 की 4.0850 हैक्टेयर कुल 5.9190 हैक्टेयर भूमि सन् 1995-96 में प्रयागचंद पुत्र श्री अनुराम जाति मोची ने इकरारनामा के आधार पर छोटे-छोटे भूखंड के रूप में बेच दी थी और यह कथन किया था कि मैं इस भूमि को आवासीय भूमि में रूपांतरण करवा दूंगा व पूरी भूमि को भूखंडो के रूप में बेचान कर प्रतिफल प्राप्त कर लिया था व कब्जा क्रेताओं को सौंप दिया था। मय दस्तावेज भेजे गए पत्र में लोगों ने मुख्यमंत्री को इस आशय से भी अवगत करवाया है कि उक्त भूमि पर वर्तमान समय में 300-400 घरों की बस्ती आबाद है, जिसमें लोग अपने परिवार सहित निवास कर रहे हैं ,साथ ही बताया हैं कि यह भूमि नगरपालिका नोहर के पैरा-फेरी क्षेत्र के अंतर्गत भी आती है व मास्टर प्लान 2009 के नक्शे में भी आबादी में आ रही है साथ ही उक्त भूमि के माजरे से नगरपालिका अध्यक्ष नोहर ने भी उपखंड अधिकारी नोहर व जिला कलक्टर हनुमानगढ़ को जरिए पत्र अवगत करवाया हैं। कॉलोनी वासियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बताया है कि आबादी बसी होने के कारण इस भूमि की 15- 20 साल से गिरदावरी भी नहीं हुई है,जिससे यह प्रमाणित पाया जाता है कि उक्त भूमि का बेचांन बस्ती हेतू किया गया था। पत्र में बताया गया है कि सभी घरों में बिजली एवं पानी के कनेक्शन हो चुके हैं ,पक्की सड़के बनी हुई है व राज्य सरकार द्वारा आबादी के लिए समुचित व्यवस्था की हुई हैं। साथ ही कॉलोनी में दुकाने बनी हुई है व पूरा मार्केट बना हुआ है । नगर पालिका का वार्ड नंबर 6 भी पूरी तरह से इसी भूमि पर आबाद है।। परिवाद में बताया गया है कि प्रयागचंद की मृत्यु सन 2004 में हुई थी व मृत्यु के बीस वर्ष बाद प्रयागचंद के वारिसांनो ने नामांतरण करवाना चाहा तो हल्का पटवारी ने दिनांक 11-10-2023 को घनी आबादी बसी होने की रिपोर्ट करते हुए नामांतरण खारिज कर दिया था। इस तथ्य तथा मौके पर आबादी बसी होने के तथ्य को छुपाकर प्रयागचंद के वारिसानो ने राजस्व वाद संख्या 582/2023 कपटपूर्वक दिनांक 28-12-2023 को डिक्री करवाया लिया था,जिसके आधार पर अब प्रयागचंद के वारिसान बसी घनी आबादी को अपराधिक बल का प्रयोग कर बेदखल करने पर उतारू है साथ ही कुछ नेता व कुछ विशेष भूमाफिया इसमें सहयोगी है,जिसकी चर्चा शहर में जोरों पर है। पटवारी हल्का रिपोर्ट दिनांक 13-3-2024 में भी आबादी बसी होनी दर्शाया है,इसमें ज्यादा दलित परिवार है,तहसीलदार (राजस्व) नोहर द्वारा भी मौका निरीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त भूमि मौजूदा समय में कृषि भूमि न होकर आबाद भूमि है । तहसीलदार द्वारा अर्जी दावा बअदालत सहायक कलक्टर एवं उपखंड अधिकारी मुकाम नोहर खातेदारी अधिकार निरस्त करने हेतु वाद अंतर्गत धारा 177 एवं प्रार्थना पत्र अस्थाई निषेधाज्ञा अंतर्गत धारा 212 आर-टी-एक्ट पेश किया,किस्म मुकदमा धारा 212 आर टी एक्ट दिनांक 8-4-2024 को उपखंड अधिकारी द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया ,लेकिन दिनांक 16-5-2024 को स्थगन आदेश खारिज कर दिया गया । मामले में विशेष रूप से लोगों ने विशेष जांच की मांग की है कि उपखंड अधिकारी ने स्थगन आदेश किस आधार पर खारिज किया,हल्का पटवारी की मौके की रिपोर्ट क्या थी व तहसीलदार की मौके की रिपोर्ट क्या है आदि आदि ?? कॉलोनी वासियों ने परिवाद में लिखा है कि प्रयागचंद के वारिसान भूमाफिया एवं नेताओं से मिलकर दुबारा इस भूमि का बेचान कर रहे हैं साथ ही बताया है कि दिनांक 29-4-2024 को 22 बीघा का इसी भूमि का इकरारनामा किसी अन्य पक्ष के नाम लिखवाया दिया गया हैं,जो कि आबाद भूमि पर इकरारनामा लिखवाना गैर अनुमत कृत्य है। कॉलोनी वासियों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है कि सरेआम कॉलोनी वासियों के साथ अन्याय हो रहा है व कॉलोनी में सालोसाल से बसे हुए लोगों के घरों को उजाड़ा जा रहा हैं। सभी कॉलोनी वासियों ने राज्य सरकार एवं प्रशासन से मांग की है कि उक्त भूमि के खातेदारी अधिकार निरस्त करते हुए भूमि अराजीराज घोषित की जाए और भूमि के पट्टे जारी किए जाएं,जिससे कॉलोनी वासियों को राहत मिले । कॉलोनी वासियों ने राजस्थान की डबल इंजिन की भाजपा सरकार के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 177 की त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जाकर रकबा अराजीराज घोषित करें व कॉलोनी वासियों के भविष्य को सुरक्षित करें, अन्यथा भूमाफियाओं व सत्तापक्ष के प्रभावी नेताओं के प्रभाव के चलते सैंकड़ों सैंकड़ों परिवार उजड़ जाएंगे । साथ ही कॉलोनी वासियों का कहना है कि वो एक एक भूमाफिया व नेताओं का नाम उजागर करेंगे जो दिनरात एक ही काम लगे हुए है व पूरे दिन सरकारी कार्यालयों में बैठकर राजकाज प्रभावित करते है व अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव डालकर उक्त भूमि हड़पना चाहते हैं। लोगों ने लिखा है कि इसमें देरी होने से भूमाफिया इस भूमि पर हावी होकर अन्य पक्ष को बेचान कर देंगे, जिससे विकट परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी व गरीब लोग सालोसाल अपने कर्मो को रोते रहेंगे व सड़क पर आजाएंगे,उनके परिवार उजड़ जाएंगे । कॉलोनी वासियों द्वारा मुख्यमंत्री से इस मामले की राज्य स्तर से जांच करवाने की मांग की गई हैं। आपको बताते चलें कि किसी भी कृषि भूमि पर घर आबाद हो जाए और सालोसाल तक गिरदावरी रिपोर्ट न बने और हल्का पटवारी या तहसीलदार मौका रिपोर्ट में यह सुनिश्चित कर दें कि उक्त कृषि भूमि के उक्त खसरा नंबर में लोग आबाद है तो उस पर राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 177 प्रभावी हो जाती है व कृषि भूमि से काश्तकारी अधिकार समाप्त कर दिया जाते है व भूमि अराजीराज घोषित कर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही अमल में लाई जाने का प्रावधान हैं। मामले में राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 177 की कार्यवाही लंबित है जिस पर सहायक क्लक्टर नोहर द्वारा निर्णय लिया जाना शेष हैं।